बवासीर और रक्तस्राव


बवासीर और रक्तस्राव
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बवासीर और रक्तस्राव की कारगर दवा 
गुदामार्ग से रक्तश्राव, खूनी और बादी दोनों
प्रकार के बवासीर में ये औधषि कारगर है। ये औषधि
भी परीक्षित है। 
सूखे नारियल की जटा, जिससे रस्सी, चटाई आदि

बनाते हैं। इस भूरे जटा को जलाकर राख बना लें और
इसे अच्छी तरह छान लें। इस छनी हुई जटा-भस्म में से
एक-एक चम्मच की पुड़िया बनाएं।
एक पुड़िया जटा-भस्म को मीठे दही या छाछ (जो
खट्टा नहीं हो) में मिलाकर एक बार ले लें। बवासीर
जड़मूल से नष्ट हो जाएगा। जरूरत पड़े तो दोबारा
भी इस्तेमाल किया जा सकता है। वैसे दोबारा
इस्तेमाल की जरूरत नहीं पड़ती है।
हां, ववासीर में खट्टे, मसालेदार, चटपटा खाना से
परहेज करना पड़ता है। ये दवा पुराने से पुराने और
भयंकर से भयंकर बवासीर में लाभप्रद है। ये औषधि श्वेत
प्रदर और रंग-प्रदर में भी समान रूप से गुणकारी है।
रक्तश्राव, हैजा, वमन, हिचकी में भी इसे लाभकारी
माना गया है।

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