लीची के आयुर्वेदिक उपयोग

लीची के आयुर्वेदिक उपयोग
लीची के आयुर्वेदिक उपयोग

लीची के आयुर्वेदिक उपयोग


लीची का फल पतले लेकिन सख्त छिलके से ढका होता है। अन्दर सफेद गूदेदार रसीला फल होता है। फल के अन्दर भूरे रंग की गुठली होती है। इसके गूदे का जूसर से रस निकाला जाता है।लीची के अन्दर विटामिन, खनिज-लवण पूरी मात्रा में होते हैं। गर्मियों में जब शरीर में पानी व खनिज लवणों की कमी हो जाती है। तब लीची का रस बहुत फायदेमंद रहता है। इसे खाने से दिल,दिमाग और लीवर मजबूत होता है।


लीची जल्दी पच जाता है। यह पाचन क्रिया को मजबूत बनाने वाली तथा यकृत रोगों में लाभकारी है।


लीची खाने से पित्त की अधिकता कम होती है।


लीची का नियमित सेवन करने से कब्ज दूर होती है।


बवासीर के रोगियों के लिए लीची का सेवन करना लाभकारी होता है।


लीची का सेवन करने से हृदय की तेज धड़कन में लाभ होता है।


गर्मी के मौसम में आधा कप लीची का रस रोज पीने से हृदय को काफी बल मिलता है।


लीची, नारियल और पिस्ता खाने से दिमाग की कमजोरी दूर हो जाती है।


लीची के फल को खाने से गले की जलन समाप्त होती है।

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